अंबाला को जल्द मिलेगी डोमेस्टिक एयरपोर्ट और शहीद स्मारक की सौगात, जानें क्या रहेगी खास बात

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अंबाला | हरियाणा के अंबाला में डोमेस्टिक एयरपोर्ट बनाने की मांग कर रहे लोगों के लिए खुशखबरी है. उनका यह सपना बहुत जल्द पूरा होने वाला है. सूबे के गृहमंत्री अनिल विज की इस प्रोजेक्ट में स्पेशल रूचि होने की वजह से इसका काम युद्धस्तर पर चल रहा है. सिविल एविएशन मंत्रालय द्वारा इस एयरपोर्ट के लिए 40 करोड़ रुपए मंजूर किए गए थे. इस प्रोजेक्ट का काम अंतिम दौर में पहुंच चुका है.

अनिल विज का ड्रिम प्रोजेक्ट

बता दें कि अंबाला में एयरपोर्ट अनिल विज का ड्रीम प्रोजेक्‍ट था और इसके लिए वो लगातार प्रयासरत थे. एयरफोर्स स्टेशन के ठीक साथ में डोमेस्टिक एयरपोर्ट के लिए नया टर्मिनल बनाया गया है, जहां से विमान के यात्रियों को टैक्सी- वे पर पहुंचाया जाएगा. उन्होंने यहां एयरपोर्ट बनाने को लेकर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से स्पेशल मुलाकात की थी क्योंकि छावनी क्षेत्र में एयरपोर्ट बनवाना किसी चुनौती से कम नहीं था लेकिन विज के लगातार प्रयास और केंद्र में अच्छी पकड़ काम आई.

वह डोमेस्टिक एयरपोर्ट की जरूरत केंद्र सरकार को समझाने में कामयाब रहे. जिसका लाभ अंबाला वासियों को बहुत जल्द मिलेगा. अनिल विज का कहना है कि डोमेस्टिक एयरपोर्ट बनने से न केवल आम जनता बल्कि व्यापारियों को भी इसका काफी फायदा पहुंचेगा.

शहीद स्मारक

गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि अंबाला में बनने वाला शहीद स्मारक 1857 की क्रांति के अनगिनत योद्धाओं और सेनानियों को नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर नई पहचान देगा. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर शहीद स्मारक का अलग ही महत्व होता है. लोगों को इससे प्रेरणा मिलेगी और नई पीढ़ी को शहीदों के साथ- साथ हमारी संस्कृति और सभ्यता के प्रति सार्थक सोच की सीख मिलेगी.गृहमंत्री ने बताया कि करीब 22 एकड़ भूमि पर शहीद स्मारक का निर्माण उच्च पैमानों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है. इसके निर्माण पर करीब 300 करोड़ रुपए खर्च होंगे. उन्होंने बताया कि प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहूति देने वाले असंख्य वीर शहीदों की याद में भव्य शहीद स्मारक बनें, इसके लिए वो साल 2000 से संघर्ष कर रहे थे.

तीन चरणों में पूरा होगा काम

विज ने बताया कि शहीद स्मारक का निर्माण कार्य तीन चरणों में पूरा किया जाएगा. पहले चरण के तहत, अंबाला में 1857 की क्रांति कब शुरू हुई थी, कहां से शुरू हुई थी, उसका इतिहास दिखाया जायेगा. दूसरे चरण में हरियाणा में 1857 की क्रांति कहां- कहां लड़ी गई, उसका वर्णन किया जायेगा और तीसरे चरण में हिन्दुस्तान में कहां- कहां आजादी की लड़ाई लड़ी गई और झांसी की रानी, बहादुरशाह जफर के साथ- साथ अन्य क्रांतिकारियों की उसमें क्या भूमिका रही थी, उसका पूरा उल्लेख किया जाएगा.

दुनिया के पटल पर छाएगा अंबाला

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि कईं माध्यमों से लड़ाई का वर्णन दिखाया जाएगा. ओपन ऐयर थियेटर,लाईट एंड साउंड,पिक्चर, सकल्पचर के माध्यम से भी लाईव किया जाएगा. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर का शहीदी स्मारक बनने से अंबाला का नाम दुनिया के नक्शे पर आएगा.टूरिस्ट के लिहाज से अंबाला का नाम बढ़ेगा. यहां से गुजरने वाले इस शहीदी स्मारक को देखें बिना नहीं जा पाएंगे. यहां पर वीर शहीदों की जिंदगी से जुड़े अनेकों ऐसे दृश्य होंगे, जिन्हें देखकर लोग आश्चर्यचकित रह जाएंगे.

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