केन्या में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक चालबाज शतरंज प्लेयर ने अपने कारनामों की वजह से सुर्खियां बटोरी है. दरअसल, केन्या में ओपन शतरंज चैंपियनशिप आयोजित की गई थी जिसमें यूनिवर्सिटी के एक लड़के ने खुद को महिला बताकर इस प्रतियोगिता में बुर्का पहनकर भाग लिया. इस प्रतियोगिता में इनाम की राशि 34 लाख रुपए रखा गया था. पैसों की लालच में लड़के ने यह साजिश रची थी.
युवक का नाम स्टेनली ओमोंडी है, जिसकी उम्र 25 साल है. दिलचस्प बात यह है कि गेम के दौरान स्टेनली ने एक शब्द भी नहीं बोला, जिस वजह से उनके लड़के होने की बात किसी को पता नहीं चल पाई और वह जीतते हुए चौथे दौर में प्रवेश कर गया. चालबाज लड़के ने खुद को शतरंज टूर्नामेंट में मिलिसेंट अवोर के रूप में रजिस्टेशन कराया था. ऐसे हुआ शक जब इस बारे में शतरंज केन्या के अध्यक्ष बर्नार्ड वंजाला से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शुरुआत में हमें कोई शक नहीं हुआ क्योंकि यहां बुर्का पहनना आम बात है. जब उसके जूते पर नजर पड़ी तो वह मर्दाना जूते थे. इसके बाद से उसपर शक हुआ. साथ ही हमने यह भी देखा कि वह बात नहीं कर रहा था. यहां तक कि जब वह अपना टैग लेने आया था तब भी वह बोल नहीं रहा था. इन बातों पर गौर करने के बाद हमने उसकी जांच की और पाया कि वह लड़का है. बुर्का में लड़की बन वह प्रतियोगिता में भाग ले रहा था, जिसका समय रहते भंडाफोड़ हो गया .
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, चालबाज लड़के ने पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन ग्लोरिया जुंबा और युगांडा के शीर्ष खिलाड़ी अम्पायरा शकीरा को हरा दिया. जिससे देखने वाले हैरान रह गए. पकड़े जाने के बाद चालबाज छात्र ने बताया कि उसे पैसे की बेहद जरुरत थी. जिस वजह से उनसे ऐसा किया. छात्र ने खुद बताय कि वह एक विश्वविद्यालय का छात्र है, नतीजतन छात्र को प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया है जबकि उसके सभी अंक उसके विरोधियों को दे दिए गए.