मां के साथ हैवानियत की पार कर दी थी हदें, कोर्ट ने दोषी बेटे को सुनाई ये सजा

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गुरुग्राम। अपनी सगी मां के साथ दुष्कर्म करने के आरोपित को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राहुल बिश्नोई की अदालत ने सोमवार को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुना दी। यही नहीं मौत होने तक वह जेल में ही रहेगा।

मामला 15 नवंबर 2020 का है। पटौदी थाना इलाके के एक गांव में रह रही महिला के साथ उसके सगे बेटे ने दुष्कर्म किया था। इस घटना से आहत होकर महिला ने उसी दिन रात में आत्महत्या कर ली थी। वारदात के बाद आरोपित फरार हो गया था।

पटौदी थाना पुलिस ने 16 नवंबर को मामला दर्ज करने के पांच दिन बाद यानी 21 नवंबर को उसे गिरफ्तार कर लिया था। तब से वह भोंडसी जेल में ही बंद है। सहायक जिला न्यायवादी सुरेश चौधरी ने बताया कि आरोपित के ऊपर दो आरोप को लेकर सुनवाई चली। दुष्कर्म करने के साथ ही आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप भी उसके ऊपर लगा।

तमाम गवाहों और सबूतों के बयान के आधार पर आरोपित को दोनों मामलों में अलग-अलग सजा सुना गई है। दुष्कर्म मामले में मौत आने तक उम्रकैद की सजा और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

आत्महत्या के लिए मजबूर करने के मामले में 10 साल की सजा और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। सजा एक साथ ही चलेगी लेकिन जुर्माने की राशि दोनों मिलाकर देनी होगी। इस तरह की सजा होने से विकृत मानसिकता वाले लोगों के ऊपर लगाम लगेगी।

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