हरियाणा में किसानों को अपनी फसल को लेकर बार-बार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. किसान पहले तो सरसों की एमएसपी (MSP) पर खरीद को लेकर सरकार और मंडी प्रशासन से नाखुस थे. वहीं गेहूं की फसल की कटाई के समय बेमौसम बारिश ने अपना कहर बरपाया, जिससे किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ. वहीं इस नुकसान को लेकर मनोहर सरकार द्वारा ऐलान किया गया कि फसल की गिरदावरी करवाकर किसानों को मुआवजा दिया जाएगा. वहीं अब एक बार फिर किसान को मौसम की और मंडी प्रशासन की मार झेलनी पड़ रही है.
लाखों की फसल पर फिरा पानी
बता दें कि बीते 2 दिन से हो रही बारिश से किसानों की कई महीनों की कमाई पानी में धुलती नजर आ रही है. वहीं मंडी प्रशासन की लापरवाही से फसल को और नुकसान हो रहा है. दरअसल किसान अब गेहूं की फसल काटने के बाद उसे बेचने के लिए मंडी लेकर पहुंचे, जहां मौसम विभाग के अलर्ट के बाद भी प्रशासन ने कोई इंतजाम नहीं किए, जिस कारण किसानों की लाखों की फसल पर पानी फिर गया.
गेहूं की हो रही दुर्गति
वहीं रोहतक की बात करें तो यहां तो हालात बद से बदतर नजर आ रहे हैं. जगह की कमी के कारण किसानों का गेहूं सड़क से लेकर श्मशान घाट तक फैला रखा है.अनाज मंडी से लेकर सरकारी स्कूल तक किसानों के पीले सोने की दुर्गति हो रही है. यह वाक्या महम हल्के के मदीना गांव की अनाज मंडी का है. महम मंडी में आई परेशानी.
स्कूलों में भी डाला गेहूं
जगह की कमी के चलते मंडी वालों ने श्मशान घाट के अलावा नेशनल हाईवे (NH) पर भी डाला सैकड़ों क्विंटल गेहूं है. मंडी में जगह नहीं मिली तो आढ़तियों ने गांव के गवर्नमेंट बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल की शरण ली. साथ ही राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में भी किसानों का गेहूं डालना पड़ रहा है.
मौसम विभाग द्वारा दो दिन से पहले ही बरसात होने का अनुमान जताया गया था, बावजूद उसके मंडी प्रबंधन ने उठान की और कोई ध्यान नहीं दिया, जिसका नतीजा किसानों की कड़ी मेहनत से सींची गई फसल बारिश की भेंट चढ़ गई. किसान गुरदेव सिंह ने बताया कि मंडी में गेंहू बेचने के लिए आया था, लेकिन मंडी में इंतजाम न होने व हो रहे धीमे उठान के कारण उनकी गेंहू भीग गई हैं, सरकार को चाहिए कि मंडी में सही इंतजाम हो व उठान में तेजी लाई जाए.