हरियाणा के रोहतक के गांव पहरावर में नगर निगम की जमीन पर नवीन जयहिंद समर्थकों के साथ 23 अप्रैल को भगवान परशुराम जन्मोत्सव नहीं मना पाएंगे। शुक्रवार को नगर निगम की अर्जी पर अदालत ने किसी भी तरह की गतिविधि पर रोक लगा दी। अब मामले की अगली सुनवाई 22 मई को होगी। नवीन जयहिंद के वकील का कहना है कि आगे क्या कानूनी कदम उठाया जाएगा या जन्मोत्सव कहां मनाया जाएगा। इसका फैसला जयहिंद समर्थकों के साथ मीटिंग करेंगे लेंगे
2009 में कांग्रेस की हुड्डा सरकार के कार्यकाल में पहरावर गांव की पंचायत ने 12 एकड़ के करीब जमीन गौड़ ब्राह्मण प्रचारिणी सभा को 33 साल की लीज पर दी थी। नियमों के तहत लीज फीस जमा कराई जानी थी। फीस जमा न होने के कारण 2022 में जमीन वापस नगर निगम के नाम हो गई।
लोगों ने इसका विरोध किया। इस पर मुख्यमंत्री ने करनाल में घोषणा की कि जमीन गौड़ ब्राह्मण प्रचारिणी सभा को ही मिलेगी। लीज भी 2055 तक बढ़ाई जाएगी। इसकी प्रक्रिया चल रही है। इसी बीच नवीन जयहिंद ने 23 अप्रैल को पराहवर की उसी जमीन पर परशुराम जन्मोत्सव मनाने की घोषणा की थी।इसकी तैयारियां चल रही थी। गुरुवार को नगर निगम अदालत पहुंचा और आरोप लगाया कि कार्यक्रम के बहाने नवीन जयहिंद जमीन पर कब्जा कर रहा है। अदालत ने जयहिंद को नोटिस भेजकर शुक्रवार को अदालत में पेश होने के लिए कहा था।शुक्रवार को जयहिंद सुबह अदालत में पेश हुए। जयहिंद के वकील ने कहा कि सरकार ने जमीन गौड़ ब्राह्मण प्रचारिणी सभा को 33 साल की लीज पर दी थी। जमीन समाज की है, जहां भगवान परशुराम जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। दूसरी तरफ नगर निगम की तरफ से अदालत को बताया गया कि जमीन की लीज रद्द हो चुकी है।अब जमीन निगम के नाम है। 23 अप्रैल के कार्यक्रम के लिए नवीन जयहिंद की तरफ से कार्यक्रम की कोई अनुमति नहीं ली गई। इतना ही नहीं, जमीन में अवैध निर्माण किया गया है। दोनों पक्षों की बहस के बाद अदालत ने दोपहर बाद चार बजे तक फैसला सुरक्षित रख लिया था।साथ ही दोनों पक्षों को जमीन से जुड़े दस्तावेज पेश करने के लिए कहा था। चार बजे दोबारा अदालत में दोनों पक्षों के बीच बहस हुई। इसके बाद अदालत ने निगम की अर्जी पर जमीन को लेकर स्टे ऑर्डर जारी कर दिया।
सरकार को मुझसे परेशानी तो पहरावर की जमीन पर कदम नहीं रखूंगा :
जयहिंद वहीं, नवीन जयहिंद का कहना है कि सरकार को उससे परेशानी है तो वे पहरावर गांव की जमीन पर कदम नहीं रखेंगे। भगवान परशुराम का जन्मोत्सव मनाने से रोकने पर सरकार व प्रशासन को लेकर जनता न्याय करेगी। जयहिंद का कहना है कि वे यह भी शपथ पत्र देने को तैयार थे कि खुद कार्यक्रम में नहीं जाएंगे, लेकिन परशुराम जन्मोत्सव मनाने दिया जाए।
इतना ही नहीं, रात के अंधेरे में निगम ने भगवान परशुराम भक्तों के लिए की जा रही व्यवस्था को खराब किया, टेंट को तोड़ा व आर्थिक नुकसान पहुंचाया। ब्राह्मण नेता भी बताएं वे चुप क्यों हैं। सांसद अरविंद शर्मा, विधायक राजकुमार गौतम, कुलदीप वत्स सहित अन्य नेताओं को भी अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए। इतना ही नहीं, 15 दिन पहले कार्यक्रम की प्रशासन से अनुमति मांगी गई थी, जो नहीं मिली। नगर निगम अदालत के फैसले का स्वागत करता है। साथ ही पराहवर स्थित जमीन पर चेतावनी बोर्ड लगाया जाएगा। ताकि अदालत के स्टे आर्डर का उल्लंघन न हो -धीरेंद्र खड़गटा, आयुक्त नगर निगम