हरियाणा के रोहतक की पहरावर जमीन विवाद के बाद भगवान परशुराम जन्मोत्सव नहीं मनाने देने के कारण नवीन जयहिंद ने मुंडन करवाया। उनके साथ अनेक लोग भी रोष स्वरूप सरकार व मुख्यमंत्री के तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाते हुए मुंडन करवाने का निर्णय लिया है।
नवीन जयहिंद सेक्टर-6 स्थित बाग में ही भगवान परशुराम की भक्ति में लीन हो गए। पहले 23 अप्रैल को पहरावर जमीन पर भगवान परशुराम जन्मोत्सव मनाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन वहां पर नगर निगम ने रोक दिया। वहीं मामला कोर्ट में गया तो कोर्ट का निर्णय निगम के पक्ष में आया।
21 को मनाएंगे भगवान परशुराम जन्मोत्सव
सरकार द्वारा कोर्ट के माध्यम से भगवान परशुराम जन्मोत्सव मनाने पर रोक लगाने के कारण आहत हुए नवीन जयहिंद ने भगवान परशुराम की दिनभर पूजा में लीन रहने का निर्णय लिया। उनका कहना है कि पुराणों के अनुसार, अगर इस धरती पर ॐ परम पिता परमेश्वर भगवान का थोड़ा सा भी अंश विद्यमान है तो भगवान इसी जन्म में न्याय करेगा। अब 21 मई को पहरावर की जमीन पर ही भगवान परशुराम जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
जन्मोत्सव मनाने के लिए आपातकाल मीटिंग बुलाई
पहरावर जमीन पर परशुराम जन्मोत्सव कार्यक्रम को लेकर आपातकालीन बैठक बुलाई गई थी। जिसमें फैसला लिया गया कि भगवान परशुराम का जन्मोत्सव पहरावर की जमीन पर ही मनाया जाएगा। इसके लिए उन्होंने तिथि में बदलाव किया है। अब 21 मई को भगवान परशुराम जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
ऊपरी अदालत में जाएंगे नवीन जयहिंद
नवीन जयहिंद पहरावर जमीन पर आए कार्ट के फैसले को लेकर ऊपरी अदालत में जाएंगे। उनका कहना है कि वे कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन वे फैसले से सहमत नहीं हैं, क्योंकि सरकार के हस्तक्षेप के कारण सही निर्णय आया। अब वे ऊपरी अदालत में जाएंगे। इसलिए 21 मई को भगवान परशुराम जन्मोत्सव मनाने जा रहे हैं। सीएम ने जमीन गौड़ ब्राह्मण सभा को देने की घोषणा की थी, उसके दस्तावेज सरकार सौंप दे।