आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता ने बुधवार को खट्टर सरकार की प्रदेश में महिला अपराधों के प्रति संवेदनहीनता को लेकर निंदा की है। उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अपराधों के प्रति गंभीर नहीं है। न अपराधों की जांच की जा रही है और न ही आरोपियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जा रही है।
ऐसे ही एक मामले का हवाला देते हुए डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि डीएनए टेस्ट किट की कमी के चलते रेप के 1500 मामलों में पूरे प्रदेश में सुनवाई ठप पड़ी है। उन्होंने बताया की करनाल स्थित एफएसएल लैब में डीएनए टेस्ट की अनुपलब्धता के चलते पूरे प्रदेश में रेप केसों का ट्रायल कोर्ट में नहीं हो सका है। ये बहुत की गंभीर स्थिति है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार की लापरवाही की चलते अपराधियों के हौंसले बुलंद हैं, वहीं पीड़ित न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि खट्टर सरकार ने हरियाणा को महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित प्रदेश बना दिया है। केंद्र सरकार की रिपोर्ट की माने तो हरियाणा महिला सुरक्षा के मामले में पूरे देश में 36वें स्थान पर है। वहीं पिछले 3 सालों में महिलाओं के प्रति अपराधों में 27% की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अनिल विज के सभी दावे इन आंकड़ों के आगे फेल साबित हुए हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री खट्टर पर निशाना साधते हुए कहा कि यौन शोषण के आरोपी मंत्री संदीप सिंह अभी तक मंत्रिमंडल में हैं। वहीं जंतर मंतर पर पिछले एक महीने से पहलवान धरनारत हैं। मोदी सरकार सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि पूरा देश पहलवानों के समर्थन में है, लेकिन केंद्र सरकार के कानों पर कोई जूं तक नहीं रेंग रही।
उन्होंने कहा कि अगर महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ते गए तो आम आदमी पार्टी महिला सुरक्षा को लेकर पूरे प्रदेश में आंदोलन करने को मजबूर होगी।