बुधवार को सरकारी अस्पताल रोहतक PHC,CHC व SDH के डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे इसके कारण सभी जगह ओपीडी सेवाएं बंद रहेगी परंतु आपातकालीन सेवा नियमित दिनों की तरह चलने की बात कही जा रही है। रोहतक के सरकारी अस्पतालों में करीब 5000 मरीज ओपीडी में इलाज के लिए आते रहते हैं हड़ताल के कारण ओपीडी में आने वाले मरीज को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
हरियाणा के सरकारी अस्पतालों की सर्विस संगठन (HCMS) के जिला प्रधान डॉ विश्वजीत राठी ने बताया कि रोहतक में एक जिला अस्पताल,8 SDH तथा PHC हैं।
प्रत्येक PHC में प्रतिदिन करीब 50, CHC या SDH में करीब 250 300 मरीज की ओपीडी रहती है। वहीं जिला अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन करीब 1500 से अधिक मरीज पहुंचते हैं।
प्रदेश के साढ़े तीन हजार डॉक्टर करेंगे हड़ताल उन्होंने बताया कि जिले में एचसीएमएस के बैनर तले बुधवार को 150 डॉक्टर हड़ताल में भाग लेंगे। वहीं प्रदेश की बात करें तो करीब साढ़े 3 हजार डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे। वहीं प्रदेश के केवल अंबाला को छोड़कर सभी जिलों के सरकारी अस्पतालों में ओपीडी बंद रहेगी। इसके अलावा आपातकालीन सेवाएं सामान्य दिनों की तरह चलाई जाएंगी।
29 को सभी सेवाएं रोक देंगे डॉक्टर
डॉ. विश्वजीत राठी ने कहा कि इससे पहले वे अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए काले बिल्ले लगाकर काम कर चुके हैं। लेकिन सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इसलिए 27 दिसंबर को हरियाणा के सभी एचसीएमएस डॉक्टर्स एक दिन की हड़ताल करेंगे। इसका सीएमओ को ज्ञापन भी सौंप चुके हैं। केवल आपातकालीन, लेबर रूम व पोस्टमार्टम बंद नहीं किए जाएंगे।
साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं की तो वे 29 दिसंबर से अनिश्चितकाल के लिए सभी तरह के काम रोक देंगे।
डॉक्टरों की ये हैं प्रमुख मांगें
- पीजी पॉलिसी में बॉन्ड की राशि 1 करोड़ से घटा कर 50 लाख की जाए। उसके लिए कुछ गिरवी ना रखवाया जाए। जिससे मध्यम वर्ग से आने वाले डॉक्टर पीजी करके जनता की सेवा
कर पाएं।
- स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की कमी को पूरा करते हुए स्पेशलिस्ट कैडर का निर्माण एसोसिएशन के सुझाव पर किया जाए।
- डायनेमिक एसीपी दिल्ली तथा बिहार सरकार की तर्ज पर बनाया जाए।
- डायरेक्ट एसएमओ भर्ती बंद हों, ताकि चिकित्सा अधिकारी जो लगभग 20 साल की नौकरी
के बाद पहले प्रमोशन पर एसएमओ बनते हैं उनका हक न छीना जाए। जिससे डॉक्टर
एचसीएमएस में आकर जनता की सेवा कर पाएं।