NIA की रेट महेंद्रगढ़ के शूटर नितिन फौजी के गांव पहुंची टीम राजस्थान के सुखदेव गोगामेडी हत्याकांड में एक्शन

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नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी NIA ने राजस्थान के राष्ट्रीय राजपूत करणी सेवा के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी हत्याकांड की जांच शुरू कर दी है। अलग-अलग टीमों ने बुधवार की सुबह हरियाणा के राजस्थान में 30 जगह पर रेड की, और अकेले महेंद्रगढ़ के ही सा गांव में छानबीन चल रही है इतना ही नहीं एक टीम हत्याकांड को अंजाम देने वाले शूटर नितिन फौजी के गांव दौगड़ा जाट में भी जांच कर रही है।
NIA की टीमों बुधवार की सुबह करीब 5:30 बजे एक साथ अलग-अलग जगह पर रेड की महेंद्रगढ़ जिले में गुढ़ा कैमला पथड़ा खुडान दौगडा जाट सुरेहेती पिलानिया मुंडिया खेड़ा में NIA कि टीम जांच कर रही है सुखदेव सिंह गोगामेडी हत्याकांड में अभी तक अकेले हरियाणा के ही साथ लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।

5 दिसंबर को दोपहर करीब 1:03 बजे 2 बदमाशों ने गोगामेड़ी पर जयपुर में उसके घर के अंदर ही गोलियां चलाईं, फिर भाग निकले थे। गोगामेड़ी को मेट्रो मास हॉस्पिटल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।

गोगामेड़ी के साथ घटना के दौरान मौजूद गार्ड अजीत सिंह गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे। बदमाशों की फायरिंग में नवीन शेखावत की भी मौत हो गई थी। नवीन ही बदमाशों को गोगामेड़ी के घर ले गया था।

सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या करने के बाद दोनों शूटर नितिन फौजी और रोहित राठौड़ उसी दिन एक बस में सवार होकर रेवाड़ी जिले के धारूहेड़ा कस्बा पहुंचे थे। यहां से दोनों शूटर ऑटो में बैठकर रेवाड़ी पहुंचे और फिर ट्रेन के रास्ते हिसार में उधम सिंह नाम के शख्स के पास पहुंच गए।

उधम सिंह ही दोनों को घुमाने के लिए टैक्सी के जरिए मनाली तक लेकर पहुंचा। इसके बाद तीनों चंडीगढ़ पहुंचे। इस बीच दोनों शूटर के बारे में दिल्ली क्राइम ब्रांच और राजस्थान पुलिस को लीड मिल गई। 10 दिसंबर को रोहित राठौड़, नितिन फौजी, उधम सिंह को चंडीगढ़ के एक गेस्ट हाउस से गिरफ्तार किया था।

महेंद्रगढ़ जिले के गांव दौंगड़ा जाट का रहने वाला नितिन फौजी दीपावली से पहले 7 नवंबर को आर्मी से दो दिन की छुट्‌टी लेकर अपने गांव आया था। नितिन के पिता आर्मी से रिटायर्ड कृष्ण कुमार ने बताया था कि बेटा 9 नवंबर को गाड़ी ठीक करवाने के लिए महेंद्रगढ़ गया था। शाम को 4 बजे तक गाड़ी ठीक हो गई थी। उसके बाद से उसके साथ संपर्क नहीं हुआ।

इसी बीच उस पर महेंद्रगढ़ जिले के गांव खुडाना में पुलिस टीम पर फायरिंग करने का इल्जाम लगा। उसके साथी तो पुलिस की गिरफ्त में आ गए, लेकिन नितिन फौजी बच निकला। यहीं से वह अपने एक साथी भवानी सिंह के जरिए लॉरेंस ग्रुप के रोहित गोदारा के टच में आया।

उस वक्त भवानी सिंह गुरुग्राम की भोंडसी जेल में बंद था। भवानी सिंह ने ही रोहित गोदारा और नितिन फौजी का संपर्क कराया। बाद में उसे पत्नी संग विदेश सेटल कराने का ऑफर देकर गोगामेड़ी की हत्या के लिए राजी कर लिया।

सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के बाद आर्मी से रिटायर्ड नितिन फौजी के पिता कृष्ण कुमार ने बताया था कि उनका बेटा 9 नवंबर को गाड़ी ठीक करवाने के लिए महेंद्रगढ़ गया था। शाम को 4 बजे तक गाड़ी ठीक हो गई थी। उसके बाद से ही वह उनके संपर्क में नहीं हैं। नितिन के हत्याकांड में शामिल होने के बारे में मीडिया से पता चला।

एक साल पहले हुई थी शादी
नितिन फौजी 19 जाट बटालियन में कार्यरत था। हत्याकांड से पहले उसकी पोस्टिंग राजस्थान के अलवर में थी। नितिन फौजी की शादी 1 साल पहले राजस्थान के बहरोड़ में हुई थी। उसका अभी कोई बच्चा नहीं है।

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