दिल्ली में इन दिनों बदमाश वारदात को अंजाम देने के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं. उनमें प्रमुख है खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताकर लूट या फिर क्राइम ब्रांच, स्पेशल सेल का अधिकारी बताकर लूटपाट की अंजाम देना. उनके द्वारा ऐसा बताने पर डर भी जाते हैं और इस बात का फायदा उठाकर वारदात को अंजाम दिया जाता है.
वहीं दिल्ली के साउथ वेस्ट जिले के सागरपुर इलाके मोहन नगर कालोनी की है. जहां रजनीश मिश्रा के घर पर साइबर क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर आए बदमाशों ने साढ़े दस लाख रुपये लूट लिए. पीड़ित के विरोध करने पर उसकी पिटाई कर दी गई. जिसके बाद पीड़ित ने हिम्मत दिखाकर लूट होने की रिपोट दर्ज कराई.
सागरपुर थाना पुलिस जांच मे जुट गई. जांच के दौरान पता चला कि लूटने वाले बदमाश नहीं बल्कि दिल्ली पुलिस के चार कांस्टेबल निकले. इसके बाद दिल्ली पुलिस में हड़कप मच गया.
बता दें कि आरोपी कांस्टेबल नई दिल्ली जिले पार्लियामेंट थाने में तैनात है. अपराध में इस्तेमाल की गई आरोपियों से दो कार और साथ ही लुटे गए पैसे भी बरामद कर लिए गए हैं. दिल्ली पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली के सागरपुर मोहन नगर में चौथे फ्लोर पर पीड़ित रंजीश मिश्रा रहते हैं. वारदात बुधवार देर रात की है जब एक घर में लगभग 5 से अधिक लोग पहुंचे और खुद को साइबर क्राइम ब्रांच की टीम का बताकर मामले की जांच का हवाला दिया. फिर पूरे घर को खंगाला, अलमारी की चाबी जबरदस्ती ले ली और वहां रखा लगभग साढ़े दस लाख रुपये कैश पुलिस अधिकारी ले गए.
शिकायतकर्ता रंजीश मिश्रा ने पुलिस को शिकायत में बताया कि वह अपनी दोस्त के साथ घर पर था. तभी 2 बदमाश कमरे में घुस आए उन सबके पास हथियार थे और उन्होंने यह कहा तुम लोग ब्लैक मेल का काम करते हो उसी मामले में जांच करने पहुंचे हैं. इस बीच युवक ने विरोध किया तो उसकी पुलिसवालों ने पिटाई भी कर दी. सागरपुर पुलिस ने छानबीन की साथ ही आस पास लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला, लेकिन जांच में असली पुलिस के होश उड़ गए. साढ़े दस लाख की लूट को अंजाम देने वाले बदमाश नहीं बल्कि दिल्ली पुलिस चार कांस्टेबल हैं. सागरपुर पुलिस ने चारों पुलिसवाले आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया हैं. आगे की जांच जारी है. इस मामले में पुलिस के आला अधिकारी कैमरे पर आने ने बच रहे हैं.