एडमिशन के बदले इज्जत का सौदा, पैसे नहीं तो हर महीने आना पड़ेगा, पुलिस ने की केस दबाने की कोशिश

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हरियाणा के सोनीपत में एक बड़ा शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां शिक्षा विभाग के एक कर्मचारी ने राइट टू एजुकेशन (RTE) एक्ट के तहत बेटी का निजी स्कूल में एडमिशन कराने की गुहार लगा रही महिला को कुछ घंटे उसके साथ गुजारने की डिमांड की। साथ ही 30 हजार रुपए रिश्वत मांगी। महिला ने उससे मोबाइल फोन पर हुई बातचीत को रिकार्ड कर लिया।

महिला ने कहा कि उसके पास इतने रुपए नही है तो बेशर्म कर्मचारी ने कहा कि फिर तो उसे हर महीने एक बार कुछ घंटे के लिए उसके पास आना होना। वह बेटी के दाखिले के नाम पर सीधे महिला से उसकी इज्जत का सौदा कर रहा है।

पूरा मामला महिला के पति को पता चला तो उसने कुछ लोगों के साथ मिल कर कर्मचारी की जमकर धुनाई की। महिला ने पूरे मामले की शिकायत पुलिस को दी है। आरोप है कि पुलिस कर्मचारी का बचाव कर रही है। लोगों ने रात को थाना के बाहर हंगामा भी किया।

लोगों ने की कर्मचारी की धुनाई

महिला ने इसके बाद पूरी जानकारी अपने पति को दी। बताया गया है कि महिला का पति कुछ लोगों को साथ लेकर कर्मचारी के पास जाता है। लोगों ने कर्मचारी की जमकर धुनाई की। बाद में महिला ने मामले की शिकायत सेक्टर-27 थाना पुलिस को दी।

पुलिस ने महिला केस वापस लेने का दबाव बनाया
वहीं जब महिला ने अपने पति को इसके बारे में बताया तो खूब हंगामा हुआ। महिला ने पति ने लोगों के साथ मिलकर आरोपी को जमकर पीटा। साथ ही पुलिस को आरोपी के खिलाफ शिकायत दी, लेकिन महिला के अनुसार जब मामला सिविल लाइन थाने पहुंचा तो पुलिस ने केस को रफा-दफा करने की कोशिश की और उस पर दबाव बनाया गया।

छात्र अभिभावक संघ के आने के बाद शिकायत दर्ज
महिला के अनुसार, पुलिस ने केस वापस लेने का दबाव बनाते हुए उसे नवीन को पीटने का मामला दर्ज करने की बात कहकर डराया और दोनों पति-पत्नी को थाने में बैठाए रखा। जब मामला छात्र अभिभावक संघ के संयोजक विमल किशोर के संज्ञान में आया तो उन्होंने थाना प्रबंधक सिविल लाइन को फोन करके मामले से अवगत कराया।

केस दर्ज किया, लेकिन FIR की कॉपी नहीं दी गई
महिला के अनुसार, छात्र अभिभावक संघ के सदस्यों के थाने में पहुंचने के बाद शिकायत लिखी गई और उसे घर जाने दिया गया। थाने में छात्र अभिभावक संघ की उपाध्यक्ष प्रवेश कुमारी और सचिव धर्मेंद्र के नेतृत्व में प्रदर्शन भी किया गया। वहीं अभी पुलिस की ओर से FIR की कॉपी भी नहीं दी गई है।

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