जयहिंद सेना प्रमुख नवीन जयहिंद लंबे अरसे से जिस बाग में रहे थे उसे शनिवार को खाली कर दिया था और सड़क पर अपना बसेरा जमाया। बाग खाली करने के बाद अगले दिन रविवार को सैकडों की संख्या में साथी जयहिन्द से मिलने रोहतक पहुंचे और तन-मन-धन से साथ देने का आश्वासन दिया और नोटो की माला, कंबल व देसी घी भेंट किए। जो लोग नही पहुँच पाए उन्होंने सोशल मीडिया के जरिये अपना संदेश पहुंचाया। जयहिन्द ने 9050906161 नंबर जारी करते हुए कहा कि अगर किसी साथी के पास कोई जगह किराए पर खाली हो तो 9050906161 नंबर पर फोन करके हमे जरूर बताए। जयहिन्द ने कहा कि यह कोई धरना नही बल्कि घर है। हमे अपनी कोई चिंता नही है बल्कि जब तक गऊओं के रहने की जगह नही मिल जाती तब तक हम सड़क पर रहेंगे।
जयहिंद ने सुप्रीमकोर्ट के आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि जिस तरह से सरकार ने बाग को खाली करवाने के लिए कोर्ट के आदेश माने। उसी तरह से syl के मामले पर भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला मान्य होना चाहिए जो कि हरियाणा के हक में आया हुआ है। आने वाली 28 तारीख को SYL मामले पर हरियाणा, पंजाब के मुख्यमंत्री की मीटिंग होगी जिसमे एक कैबिनेट मंत्री भी शामिल होंगे। तो जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने SYL का पानी हरियाणा को देने का फैसला सुनाया है तो यह आदेश भी सरकार को मानना चाहिए।
जयहिन्द ने बाग के मालिक एडवोकेट राजबीर राठी, सुखबीर राठी, महाराज सिंह और उनके परिवार का धन्यवाद करते हैं जो उन्होंने इतने समय तक उनके साथ दिया। वे नहीं चाहते कि परिवार को किसी भी तरह की कोई समस्या आए । नवीन जयहिंद ने कहा कि इस बाग से उनकी और उनके साथियों की हजारों अच्छी यादें जुड़ी हुई है चाहे वह कोरोना काल हो या फिर हरियाणा के बुजुर्गों, दिव्यांगों और बेरोजगारों की आवाज उठाने का संघर्ष हो। हर संघर्ष का साथी ये बाग और यहां रहने वाले पशु -पक्षी रहे है ।
जयहिंद ने प्रदेश की जनता और अपने साथियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि आज तक उनकी लड़ाई जिसने भी साथ दिया वह उसका धन्यवाद करते हैं और आगे भी बहुत आभारी रहेंगे। भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि जो हो रहा है वो भी अच्छा हो रहा है और जो आगे होगा वो भी अच्छा ही होगा। जो भी भोलेनाथ का आदेश होगा खुले मन से स्वीकार है ।
जयहिंद ने आगे भावुक होते हुए कहा कि इसी बाग से उन्होंने प्रदेश कि जरूरतमंद जनता के लिए परिवार पहचान पत्र और काटे गए बीपीएल कार्ड समस्या को सरकार के सामने रखा था और हज़ारों लोगों की एफसी मदद की थी। दादा दुलीचंद के साथ मिलकर “थारा फूफा जिंदा है” अभियान भी यहीं से चलाया था और प्रदेश के लाखों बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं की पेंशन को बहाल करवाया था।
लंबे समय से भर्तियों के लिए तरस रहे प्रदेश के लाखों बेरोजगारों के लिए “बेरोजगारों की बारात” निकालकर सीईटी की भर्ती निकलवाई थी और पुलिस भर्ती का रिजल्ट जारी करवाया था । हरियाणा पुलिस के कर्मचारी, एसपीओ गार्ड और होमगार्ड के कर्मचारियों के लिए आवाज उठाई थी । खिलाड़ियों के लिए खेल कोटा बहाल करवाया था । रोहतक पीजीआई में हो रही बाहरी लोगों की भर्तियों के खिलाफ़ आवाज उठाई और केस दर्ज हुआ व जेल गए ।
जयहिंद ने पहरावर की जमीन के मुद्दे को भी उठाते हुए कहा कि यहीं से उन्होंने समाज को पहरावर की जमीन दिलाने की लड़ाई लड़ी थी और और उन पर केस दर्ज हुए थे। भाईचारे के लिए , नशे के खिलाफ व प्रदेश बेरोजगारों के लिए कावड़ यात्रा की शुरूआत थी से की थी ।
जयहिंद ने साथ ही जनता से भी अपील की कि अगर कोई साथी मदद करना चाहे तो स्वागत है नहीं तो वे सड़क पर भी रह लेंगे।