हरियाणा में कोविड की शुरुआत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। बढ़ते हुवे कैसे को दखते हुवे अब हाई डिपार्टमेंट जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्टिंग की रोहतक लैब में ही तयारी शुरू कर रहा है। स्वस्थ्य के महानिर्दाशक (DGHS) रणदीप पुनिया की तरफ से सभी जिलों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया हैं।साथ में यह घोषणा भी की गई है की सर्दी–खांसी,जुखाम वाले मरीजों के आरटीपीसीआर टेस्ट का निर्देश दिया है। हेल्थ डीजी ने हालातों को दखते हुवे सभी जिलों के अधिकारियों के साथ मीटिंग करेंगे। जिलों के स्वास्थ अधिकारी कांफ्रेंसिंग के जरिए से जुड़ेंगे।
कोरोना के खत्म होने पर बांध हो गई थी टेस्टिंग
खतरे को देखते हुए फिर से लैब शुरु होने की तयारी
अभी मिले संदिग्ध केसो की जांच के लिए दिल्ली गए है रिजल्ट
स्वस्थ्य मंत्री अनिल विजय एव स्वस्थ्य मंत्री अनिल विजय तैयारीयो पर नजर बनाए हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कोविद को लेकर गृह मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री की तरफ से सख्त निर्देश दिए गए हैं।हरियाणा में कोविद के छह एक्टिव कैसे मिले हैं इसी वजह से हरियाणा में 2000 से अधिक टेस्ट किया जा रहे हैं जिन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया हैं।
रोहतक। पंडित भगवत दयाल शर्मा पोस्ट ग्रेजुएशन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीजीआईएमएस) में आरटीपीसीआर टेस्ट के नाम पर लोगों को इधर-उधर चक्कर लगवाए जा रहे हैं। माइक्रोबायोलॉजी विभाग भी कोविड टेस्टिंग के सवाल पर टाल-मटोल करता नजर आया। भारत सरकार की ओर से एडवाइजरी जारी हो चुकी है। इसके बावजूद वायरल पीड़ित मरीजों की आरटीपीसीआर जांच नहीं की जा रही है। जबकि यह जांच अनिवार्य है। कोविड के नए वेरिएंट जेएन .1 को लेकर शासन व प्रशासन दोनों अलर्ट हैं। इसके विपरीत पीजीआईएमएस में जांच तक नहीं हो रही है। यह ढिलाई या लापरवाही सभी पर भारी पड़ सकती है।
पॉजिटिव मरीज के लक्षण
स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों के अनुसार अब तक हरियाणा में पॉजिटिव लोगों में हल्के कोविद लक्षण मिले हैं। इन्हें अब हम आइसोलेशन में रखा गया हैं।स्वास्थ्य विभाग ने 87 संदिग्ध मरीजों की पहचान की है जिसके सैंपल जांच के लिए दिल्ली भेजे गए हैं इनमें से 19 मरीज अपने टेस्ट परिणाम का इंतजार कर रहे हैं अधिकारियों का कहना है कि कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर अभी कोई कैसे सामने नहीं आया है हालांकि स्वास्थ्य विभाग मुश्किल गाड़ी के लिए पूरी तरह से तैयार है।सरकार ने तय किया है कि ILI जैसी बीमारी और गंभीर तीव्र SARI आर ए के मरीजों को आरटीपीसीआर टेस्ट किया जाएगा।
उन्होंने बातचीत करके यह सुझाव दिया है कि कैसो में आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य होना चाहिए। सूबे के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विजय का कहना है कि कोविड-19 को नोटिफाई बीमारी घोषित करना चाहिए ताकि निजी अस्पतालों में कोई कैसे आए तो वह सीएमओ में सरकारी अस्पतालों को जानकारियां दें।